Monday, 9 October 2017

भ्रष्ट अधिकारियों को भाजपाइयों का संरक्षण

भ्रष्ट अधिकारियों को भाजपाइयों का संरक्षण

 इन दिनों सोशल मीडिया पर मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति संचालनाय के पूर्व संचालक श्रीराम तिवारी को लेकर एक लम्बी बहस छिड़ी हुई है बात जहां तक श्रीराम तिवारी की करें तो श्रीराम तिवारी जब नौकरी में थे तब भी वह चर्चाओं में थे उस समय जो चर्चायें होती थीं वह उनके द्वारा प्रदेश में अपने संस्कृति संचालनालय द्वारा करवाये जा रहे जश्नों के खर्चोँ को लेकर हुआ करती थीं, लेकिन आज जब वह सेवानिवृत्त हो गये तब भी उनका चर्चाओं में छाया रहना इस बात को साबित करता है कि कुछ तो है जो तिवारी को लेकर इन दिनों चर्चायें गर्म हैं फिर चाहे उनके खिलाफ 100 करोड़ रुपये की अनुपातहीन सम्पत्ति का मामला हो, हालांकि इस मुद्दे को लेकर तरह-तरह के आरोप सोशल मीडिया पर छाये हुये हैं जब बात श्रीराम तिवारी की होती है तो उसी के साथ ही शिवराज सरकार के एक और अफसर डीएन शर्मा का भी नाम आ ही जाता है। क्योंकि यह दोनों ही अधिकारी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद मीडिया को अपना कारोबार चुना, बात जहां तक श्रीराम तिवारी की है तो श्रीराम तिवारी पर 100 करोड़ से अधिक अनुपातहीन सम्पत्ति की शिकायत प्रधानमंत्री से लेकर लोकायुक्त मध्यप्रदेश तक की गई और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच की कार्यवाही की मांग तक की गई, हालांकि श्रीराम तिवारी की इस तरह की शिकायतें करने के मामले में पूर्व विधायक एवं बहुजन समाज पार्टी के नेता किशोर समरीते ने उनकी यह शिकायत प्रधानमंत्री से करते हुए तिवारी की अवैध व अनुपातहीन सम्पत्ति की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से कराने की मांग की है जबकि भोपाल के वकील यावर खान ने शपथ पत्र देकर प्रदेश के उप लोकायुक्त से की गई शिकायत में तिवारी की अधिकांश सम्पत्ति के सबूत अपनी शिकायत में साक्ष्य के रूप में पेश किये। इन सभी शिकायतों की जांच कब होगी यह भविष्य बताएगा लेकिन यह जरूर है कि श्रीराम तिवारी के इन दिनों चर्चा में रहने के साथ ही तरह-तरह की चर्चाएं लोग चटकारे लेकर दिखाई दे रहे हैं, लोगों का कहना है कि यह वही श्रीराम तिवारी हैं जो चाहे दिग्विजय सिंह की सरकार हो या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार दोनों ही सरकारों के नाक के बाल रहे हैं, तो वहीं शिवराज की सरकार में तो श्रीराम तिवारी ने जिस तरह के जश्नों का आयोजन किया जिसमें भाजपा सांसद हेमा मालिनी से लेकर तमाम नृत्यांगनाओं के नृत्य कराकर जनता से लेकर सत्ताधीशों तक को मंत्रमुग्ध कर दिया। लेकिन इन सब जश्नों के साथ-साथ क्या-क्या खेल हुए यह भी चर्चाओं में हैं तो लोग तत्कालीन संस्कृति विभाग के मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के योगदान को भी स्मरण करते नजर आ रहे हैं, लक्ष्मीकांत शर्मा के साथ क्या हुआ यह तो सभी जानते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि अपनी शासकीय सेवा में रहते हुए श्रीराम तिवारी ने करोड़ों रुपये का गोलमाल कैसे किया यह शोध और जांच का विषय है, लेकिन फिर भी इन सब घोटालों के चलते श्रीराम तिवारी सत्ताधीशों से लेकर अपने प्रशासनिक आकाओं की नजरों में हमेशा बने रहे, यह कला भी श्रीराम तिवारी में है और इसी कला का खेल खेलते हुए उन्होंने अपने हर प्रमुख सचिव को अपने शीशे में ढालकर रख दिया अब यदि उनके कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों की बात की जा रही है तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इन घोटालों की जांच करा लेना चाहिए इसके साथ ही श्रीराम तिवारी के कार्यकाल के दौरान उनके जो-जो प्रमुख सचिव रहे और उन्होंने हर वर्ष उनकी बेहतर सीआर भी लिखते चले गये, इसके पीछे भी तो कोई कारण होगा, जब जांच हो तो उन प्रमुख सचिवों के द्वारा श्रीराम तिवारी के द्वारा लिखी गई बेहतर सीआर को भी जांच में शामिल किया जाए, ऐसी चर्चाएं इन दिनों राजनैतिक क्षेत्र में जारी हैं, खैर मामला जो भी हो लेकिन इस सरकार में जहां एक ओर जश्न का दौर खूब चला तो वहीं किसानों के लिये तमाम लुभावने आयोजनों का भी कार्यक्रम खूब बढ़चढ़कर इस सरकार के द्वारा कराये गये और उन सब कार्यक्रमों में पानी की तरह करोड़ों रुपये खर्च किये गये लेकिन उसका लाभ न तो किसानों को मिला, हाँ यह जरूर है कि जश्न देखकर प्रदेश की जनता बाकी सभी मुद्दों को भूलती रही और इसी का फायदा उठाकर श्रीराम तिवारी ने अपने विभाग प्रमुखों और अपने मंत्रियों के चहेते बन यह सब खेल खेला गया। यह श्रीराम तिवारी की अपनी कलाबाजी है जो उन्होंने संस्कृति विभाग में रहकर यह सब खेल खेला। खैर, मामला जो भी हो लेकिन फिलहाल तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को श्रीराम तिवारी के खिलाफ की गई इन शिकायतों की एक किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करा लेनी ही चाहिए ऐसा लोगों का मानना है तभी तिवारी पर लगे आरोपों की हकीकतों का खुलासा हो सकेगा और श्रीराम तिवारी के साथ-साथ और कौन-कौन इसमें शामिल थे और इतने सब भ्रष्टाचार होने के बावजूद भी श्रीराम तिवारी की बेहतर सीआर कैसे लिखी जाती रही इसका भी खुलासा हो सकेगा? फिलहाल तो श्रीराम तिवारी को लेकर जिस तरह की चर्चाएं इन दिनों वाटसएप पर चल रही हैं उन चर्चाओं पर विराम तभी लग पाएगा जब मुख्यमंत्री आगे बढ़कर श्रीराम तिवारी के खिलाफ जांच कराने के आदेश दें, क्योंकि मुख्यमंत्री का इससे कुछ लेना देना नहीं, चाहे श्रीराम तिवारी हों या एनडी शर्मा इन दोनों ने जो कमाल सेवा में रहते किया या नहीं किया यह तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा और लोगों की शिकायतों में कितनी दम है इसका भी खुलासा जांच के उपरांत ही हो पाएगा कि कौन सही है और कौन गलत है?daily india: जवा एवं त्यौथर मे बाढ से भारी तबाही, सरकार तत्काल ...: जवा एवं त्यौथर मे बाढ से भारी तबाही, सरकार तत्काल दे मुवावजा: रमाशेकर मिश्रा रीवा । पांच दिनो से लगातार हो रही बारिस और बकिया बराज के गेट ख...

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