15 दिन में महिला को बना दिया मां
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल के दौरान सरकारी योजनाओं में किस तरह से फर्जीवाड़ा चल रहा है इस फर्जीवाड़ा के चलते राज्य के शहडोल जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं लेकिन इनकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। इन्हीं योजनाओं में से एक जननी सुरक्षा योजना है, जिसकी बंदरबांट किया गया। जिला चिकित्सालय में पैसों की लालच में अधिकारियों ने सारी मर्यादायें लांघ दी हैं। बीती 21 जुलाई को ग्राम पंचायत बकड़ी की एक महिला का गर्भपात कराया जाात है और ठीक उसके 15 दिन बाद वही महिला प्रसव के लिए जिला चिकित्सालय शहडोल में भर्ती होती है और यहां एक स्वस्थ्य बच्ची को जन्म देती है। दोनों ही मामले स्वास्थ्य विभाग के दस्तावेजों में दर्ज हैं, लेकिन चल रही इस मनमानी और घोटाले से विभागीय अधिकारियों को कोई लेना-देना नहीं है। ग्राम पंचायत बकहो में रहने वाली 24 वर्षीय महिला का बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अंतर्गत अमलाई स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र में गर्भवती महिला के रूप में नाम दर्ज किया गया। स्वास्थ्य केन्द्र के रजिस्टर में उक्त महिला का स्वयं की इच्छा पर बीती 21 जुलाई को गर्भपात होना भी दर्शाया गया। ठीक 15 दिन बाद वही महिला जिला चिकित्सालय शहडोल के डिलेवरी वार्ड में भर्ती होती हुई। जिला चिकित्सालय के रिकार्डों के अनुसार ओपीडी क्रमांक 102564/17 व ओपीडी क्रमांक 121261/17 में उक्त महिला का नाम दर्ज है। जहां डिलीवरी वार्ड में ही दाखिल स्वस्थ्य बच्ची को जन्म देती है और दस अगस्त की दोपहर 12 बजकर चार मिनट पर उसे डिस्चार्ज किया जाता है। शासन द्वारा संस्थागत प्रसव का लक्ष्य बढ़ाने के दबाव के बाद जिला चिकित्सालय सहित अन्य सामुदायिक व उप स्वास्थ्य केन्द्रों में इस तरह के मामले भारी संख्या में हो रहे हैं। जहां मनमाने ढंग से नाम दर्ज कर योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि और अन्य अनुदान व सामग्रियां हजम की जा रही हैं। यही नहीं, मातहतों द्वारा किये जा रहे इस घोटाले को जिला चिकित्सालय के आलाधिकारी भी लक्ष्य पाने के फेर में अपना संरक्षण दिये हुए हैं। जननी सुरक्षा योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं की सूची की यदि पड़ताल की जाये तो करोड़ों का घोटाला सामने आ सकता है।
yograj india: yograj tiwari
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