जवा एवं त्यौथर मे बाढ से भारी तबाही, सरकार तत्काल दे मुवावजा: रमाशेकर मिश्रा
रीवा । पांच दिनो से लगातार हो रही बारिस और बकिया बराज के गेट खोलने के
कारण जवा एवं त्यौथर तहसील के हजारों परिवार घर से बेघर हुए है। किसानों
की फसल व मकान नष्ट हुए है।बाढ के कारण कई दिनों से लोगों के घर मे
चूल्हे नही जले है आज भी अफरा- तफरी का आलम है। सरकारी मसीनरी मदद करने
की बात कर रही है, पर गांव मे जाकर देखे तो कई गांवो मे आज तक कोई
अधिकारी नही पहुचे और न ही कोई पीडितों की मदद की जा रही है।
इस आशय की प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधि
रमांशंकर मिश्रा ने जिला प्रसासन व स्थानीय प्रशासन का ध्यान दिलाते हुए
कहा कि जवा तहसील के अठ्ठाइस पार के क्षेत्र मे बााढ से भारी नुकसान हुआ
है। लोगों के मकान गिरे है। डूब के कारण खेतों मे बोई फसल नष्ट हो गई है।
ग्राम कटागी, गाढा 137, गाढा138, खरपडा, जोन्हा, भनिगंवा, जनकहाई, गंज,
पैरा,बरौली, बसुआर, नगवा, सितलहा,रघुनाथपुर, पुरौना, के अलावा, कोनी,
देवखर,रौली, भडरा,कसियारी, परिहारिन पुरवा, मे 80 फीसदी फसल नष्ट हो गई
है। इसीतरह त्.ौथर तहसीय के पूर्वी अंचल बाढ से तबाह हुआ है। जिसमे
स्थानीय प्रसासन व जिला प्रशासन की लापरवाही भी सामिल है।
श्री मिश्रा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि पीडित परिवारो के मदद के लिए
आगे आए और तत्काल राहत सहायत बाट कर उनके भूख को मिटाए। अन्यथा कई परिवार
भूख के भी गाल मे फंसकर मौत के शिकार हो सकते है। उन्होने कहा कि पूरे
क्षेत्र मे बीमारिया भी फैल सकती है इसलिए प्रशासन को इस ओर भी अबिलम्ब
आवश्यक कदम उठाना चाहिए।
रीवा । पांच दिनो से लगातार हो रही बारिस और बकिया बराज के गेट खोलने के
कारण जवा एवं त्यौथर तहसील के हजारों परिवार घर से बेघर हुए है। किसानों
की फसल व मकान नष्ट हुए है।बाढ के कारण कई दिनों से लोगों के घर मे
चूल्हे नही जले है आज भी अफरा- तफरी का आलम है। सरकारी मसीनरी मदद करने
की बात कर रही है, पर गांव मे जाकर देखे तो कई गांवो मे आज तक कोई
अधिकारी नही पहुचे और न ही कोई पीडितों की मदद की जा रही है।
इस आशय की प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधि
रमांशंकर मिश्रा ने जिला प्रसासन व स्थानीय प्रशासन का ध्यान दिलाते हुए
कहा कि जवा तहसील के अठ्ठाइस पार के क्षेत्र मे बााढ से भारी नुकसान हुआ
है। लोगों के मकान गिरे है। डूब के कारण खेतों मे बोई फसल नष्ट हो गई है।
ग्राम कटागी, गाढा 137, गाढा138, खरपडा, जोन्हा, भनिगंवा, जनकहाई, गंज,
पैरा,बरौली, बसुआर, नगवा, सितलहा,रघुनाथपुर, पुरौना, के अलावा, कोनी,
देवखर,रौली, भडरा,कसियारी, परिहारिन पुरवा, मे 80 फीसदी फसल नष्ट हो गई
है। इसीतरह त्.ौथर तहसीय के पूर्वी अंचल बाढ से तबाह हुआ है। जिसमे
स्थानीय प्रसासन व जिला प्रशासन की लापरवाही भी सामिल है।
श्री मिश्रा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि पीडित परिवारो के मदद के लिए
आगे आए और तत्काल राहत सहायत बाट कर उनके भूख को मिटाए। अन्यथा कई परिवार
भूख के भी गाल मे फंसकर मौत के शिकार हो सकते है। उन्होने कहा कि पूरे
क्षेत्र मे बीमारिया भी फैल सकती है इसलिए प्रशासन को इस ओर भी अबिलम्ब
आवश्यक कदम उठाना चाहिए।

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