Monday, 22 August 2016

बाढ का प्रकोप शिवराज सरकार का फंन्डा
रीवा शहर सहित जवा ओर त्यौथर मे हुई बाढ से तबाही के लिए मध्य पदेश की
शिवराज सिह सरकार जबावदार है। क्योकि इस सरकार ने बाणसागर के फ्राकलन
(एस्टीमेट) को नजर अन्दाज कर मनमाने तरीके से पानी का कलेक्सन कराया। वही
के निर्माण मे विशेषज्ञो की राय को नजरअन्दाज किया।
रीवा ( कीर्ति प्रभा)  इस योजना को रुप देते से जो विशेषज्ञों ने मेप
तैयार किया था , मापदन्ण दिया था, मध्य प्रदेश मे शिवराज सिह की सरकार ने
बाहवाही लेने के चक्कर मे मनमाना कार्य करके पूरे रीवा जिले को बाढ की
चपेट फंसा दिया। स्थिति ऐसी निर्मित दी की अब बाण सागर मे करोढों रुपये
खर्त किये गया। उसे पुन: नये सिरे से बनाया जाय। इस सरकार ने ठेकेदारों व
पबजीपतियों को लाभ देने के लिए भविष्य मे होने वाले नफा. नुकसान को ध्यान
नही दिया और मध्य प्रदेश की जनता के लिए संकट खडा कर दिये। सरकार इन तेरह
सालों के दौरान निर्माण कार्यो को वनाती उखाडती रही, अभी भी कोई कार्य
जनता के हित मे नही किया। अब एक बार पुन: बाण साहर को भी उखाडने की नौबत
ला दी है। यदि यह सरकार प्राकलन के साथ छेड खानी न करती और जो मापदन्ड
पूर्व की सरकार ने बनाकर निर्माण कार्य करने का निर्णय लिया था, यदि उसी
पैटर्न पर काम होता, भविष्य की समस्या पर ध्यान दिया जाता तो इतनी बडी जन
धन हानि नही होती।
बाणसागर योजना के पीछे पूर्ववर्ती सरकार की महती सोच यह थी कि पानी
कलेक्सन कर हम विजली बनायेगे और जो पानी उत्पादन के बाद बहाव से निकलेगा
, उसका उपयोग नहरो के निर्माण मे लघु सिचाई योजना करने प्रयोग होगा। पर
इस सरकार ने बाहवाही लेने के चक्कर मे नहरो की घोषणाए करना प्रारम्भ कर
दिया। नहरो के चक्कर मे आज पूरा रीवा सम्भाग चक्कर खा रहा है। और शिवराज
सिह चौहान जनता को मुह छिपाते भय खाते , बचाव की बात कर रहे है।

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