त्यौथर की बाढ की विभीषिका मे पूरे मानवीवियता की हिला दिया है यह विभीषिका के सकेत है कि जवा और त्यौथर तहसील के लोग बेघर हो चूके है इस आपदा से सब बिनास हो चुका है सरकार व पसासन की सहायता से तो लोगो की जिन्दगी नहीं मिल सकती । घर गया, जमीर गई, लूटा हुआ, यहा का जनमानस अकेला हो गया, उसके चारो तरफ कोहराम कोहराम ही नजर आ रहा है अभी पता नही कि कौन है कि कौन काल के गाल मे समा गया। यह विभीषिका से कैसे निपटा जा सकता है इस पर भविष्य के ठोस रमणीय बनानी होगी । इसे तो बिनास का सकेत मानकर आगे सुरक्षा के लिए कदम बढाने की जवाबदारी लेनी होगी क्योंकि यह आपदा निर्मित की गई है बदले त्यौथर व जवा को जो मिला सबके सामने है
रमाशंकर मिश्रा वरिष्ठ समाज सेवी व कागेस नेता जवा
रमाशंकर मिश्रा वरिष्ठ समाज सेवी व कागेस नेता जवा
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