Sunday, 21 January 2018
vindhya naik shri niwas tiwariसर्वहारा वर्ग के मसीहा का देहावशान रीवा, कीर्तिप्रभा। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर छात्र राजनीति, विंध्य की विधानसभा और मध्यप्रदेश की राजनीति व समाजसेवा का एक पवित्र युग का समापन विंध्य की माटी के सपूत श्री निवास तिवारी का निधन हो जाने के बाद हो गया। नई दिल्ली स्थित स्कार्ट फोर्ट अस्पताल में श्री तिवारी को पिछले दिनों भर्ती कराया गया था जो 93 वर्ष के थे। श्री तिवारी विंध्य की राजनीति और समाज की समरसता के प्रतीक माने जाते थे। जिनकी संघर्ष यात्रा के कई सौपान विंध्य की राजनीति और मध्यप्रदेश का इतिहास लिख चुके हैं। मंगलवार को श्री तिवारी को शांस लेने में तकलीफ होने के कारण रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पर इलाल संभव न हो पाने के कारण दूसरे दिन एम्बुलेंस से दिल्ली ले जाया गया था। डाक्टरों के अनुसार श्री तिवारी के सीने में संक्रमण की वजह से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और अतत: इसी के चलते श्री तिवारी का देहावशान हो गया। जहां यह भी उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश की विधानसभा में मंत्री से लेकर उपाध्यक्ष और अध्यक्षीय कार्यकाल में श्रीतिवारी ने समूचे मध्यप्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया और उन उचांईयों तक भी पहुंचे जिनकी कल्पना कर पाना भी सबके बस की बात नहीं थी। विंध्य की राजनीति के इस युग पुरूष ने सर्वहारा वर्ग की लड़ाई व समाज की अगुवाई करने का जो विशाल प्रसतुत किया वह आने वाले पीढ़ी के लिए दुर्लभ और नामुमकिन सा लगता है। राजनीति धारा में श्रीयुत तिवारी की संघर्ष शैली की क्षमता के कारण ही स्व. प्रधान मंत्री इंदरा गांधी को रीवा आकर उन्हें कांग्रेस में आने को मजबूर होना पड़ा और वे गांधी परिवार के इस तरह सदस्य बन गए थे कि उनकी बात को काट पाना संभव नहीं होता था। पूर्व विधानसभा श्रीनिवास तिवारी ने पक्ष और विपक्ष में राजनीति में जो स्थान अर्जित किया वह भी आने वाले कल में किसी भी राजनेता और समाज सेवी के लिए बड़ी सोच का विषय है। जन-जन में लोकप्रीय जन-जन के नेता और हर दिल व युवा वर्ग में ताजगी के प्रतीक माने जाने वाले विधान पुरूष श्रीयुत के निधन से समूचा विंध्य का मानस दुखित व व्यथित हो गया है। रीवा शहर के अंदर शोक की लहर और मातम छा गया है। शहर का हर कोना-कोना श्रीनिवास तिवारी का नाम लेकर दुख की हिलकोरे ले रहा है। सिरमौर चौराहे से लेकर अस्पताल चौराहा, समान नाका से लेकर पीटीएस ग्राउंड तक लोग उमड़ कर अमहिया की ओर रवाना हो गये। शहर के अंदर उमड़ रही दादा के प्रति दर्द की पीड़ा से लोग व्याकुल हो गए है। ऐसा लग रहा है कि सारा शहर और गांव वालों ने अपना सबकुछ श्रीयुत को गवाकर के न रहने पर खो दिया है
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